कोरोना की वजह से इकॉनमी की हालत सुस्त हो गयी है। जिसके कारण बहुत ज्यादा लोगों की जॉब चली गयी है। इस समय हर आदमी महामारी के संकट को झेल रहा है।
इसी बीच हम आपको घर बैठे बिज़नेस करने का एक आईडिया सुझा रहे हैं। अगर आपके पास अपनी जमीन है व आप कम निवेश में कारोबार प्रारम्भ करना चाहते हैं तो आप राख की ईंटें बनाने का कारोबार प्रारम्भ कर सकते हैं। इसके लिए 100 गज जमीन व कम से कम 2 लाख रुपये का निवेश करना होगा। इससे आप हर महीने 1 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं। तेजी से हो रहे शहरीकरण के दौर में बिल्डर्स फ्लाई ऐश से बने ईंटों का प्रयोग कर रहे हैं।
हर महीने 3 हजार ईंट बना सकते हैं
इन ईंटों को बिजली संयंत्रों से निकलने वाले राख, सीमेंट व स्टोन डस्ट के मिलावट से बनाया जाता है। इस कारोबार के लिए निवेश का अधिकांश भाग आपको मशीनरी पर लगाना होगा। इसके लिए प्रयोग होने वाली मैन्युअल मशीन को करीब 100 गज की जमीन में लगाया जाता है। इस मशीन के जरिए आपको ईंट उत्पादन के लिए 5 से 6 लोगों की आवश्यकता होगी। इससे प्रतिदिन में करीब 3,000 ईंटों का उत्पादन किया जा सकता है। बता दें कि इस निवेश में कच्चे लागत की रकम शामिल नहीं है।
ऑटोमेटिक मशीन से बढ़ते हैं मौके
इस कारोबार में ऑटोमेटिक मशीन का प्रयोग कमाई के मौके को बढ़ाता है। हालांकि, इस ऑटोमेटिक मशीन की मूल्य 10 से 12 लाख रुपये तक है। कच्चे माल के मिलावट से लेकर ईंट बनाने तक कार्य मशीन के जरिए ही होता है। ऑटोमेटिक मशीन के जरिए एक घंटे में एक हजार ईंटों को बनाया जा सकता है, यानी इस मशीन की मदद से आप महीने में तीन से चार लाख ईंटें बना सकते हैं।
सरकार दे सकती है लोन
इस कारोबार को बैंक से कर्ज़ लेकर भी प्रारम्भ किया जा सकता है। पीएम रोजगार योजना व सीएम युवा स्व-रोजगार के जरिए भी इस कारोबार के लिए कर्ज़ लिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मुद्रा कर्ज़ का भी विकल्प उपलब्ध है। उत्तराखंड व हिमांचल प्रदेश जैसे राज्यों में मिट्टी की कमी के कारण ईंटो का उत्पादन नहीं होता।
पहाड़ी इलाकों में बेहतर मौके
इसकी वजह से उत्तर प्रदेश, हरियाणा व पंजाब जैसे राज्यों से ईंटें मंगवाई जाती हैं, जिस पर ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ता है। ऐसे में इन जगहों पर सीमेंट व स्टोनडस्ट से बनने वाले यह ईंटों का कारोबार लाभकारी होने कि सम्भावना है। पहाड़ी इलाकों में स्टोनडस्ट सरलता से मिलने की वजह से कच्चे माल की लागत भी कम होगी।